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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

1) न्यूनतम समर्थन मूल्यअर्थ क्या है?:-
न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जो किसी कृषि उपज के लिए तय किया जाता है जैसे कि गेहूँ, कपास, गन्ना आदि। इस मूल्य से कम मूल्य देकर किसानों से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकती। यह न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार तय करती है।
2) इसे हम एक उदाहरण के साथ समझ सकते हैं:-
a) मान लेते हैं कि गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है;

b) तो कोई व्यापारी किसी किसान से 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ खरीद सकता है लेकिन 2,800 रुपए प्रति क्विंटल या 2,990 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ नहीं खरीद सकता।
3) न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुख्य लाभ क्या है?:-
न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ यह है कि सभी फसलों की कीमत बाजार के हिसाब से अगर गिर भी जाती है, तब भी केंद्र सरकार तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही किसानों से फसल खरीदेगी ही ताकि किसानों को आर्थिक हानी से बचाया जा सके।
4) न्यूनतम समर्थन मूल्य का इतिहास क्या है? :-

a) आजादी के बाद जहाँ एक तरफ देश जरूरत के हिसाब से कृषि उपज नहीं कर पा रहा था, वहीं किसानों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी। किसानों को उनकी मेहनत और लागत के बदले फसल की बहुत कम कीमत मिल रही थी। जब अनाज कम पैदा होता था तो कीमतों में बहुत अधिक बढ़त हो जाती थी और अगर अनाज अधिक पैदा होता था तो कीमतों में बहुत अधिक काम हो जाती थी । इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 1957 में ‘खाद्य-अन्न जांच समिति’ का गठन किया। इस समिति ने कई सुझाव दिए लेकिन उनसे कुछ खास फायदा नहीं हुआ। तब सरकार ने कृषि उपज की कीमत तय करने के बारे में सोचा। इसके लिए 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने सचिव लक्ष्मीकांत झा के नेतृत्व में ‘खाद्य और कृषि मंत्रालय’ के अंतर्गत ‘खाद्य-अनाज मूल्य समिति’ का गठन किया।


b) ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले शास्त्री का मानना था कि किसानों को उनकी उपज के बदले कम से कम इतने पैसे मिलें कि उनका आर्थिक नुकसान ना हो। समिति ने 24 दिसंबर,1964 को सरकार के सामने प्रस्ताव रखा। 19 अक्टूबर,1965 को भारत सरकार के तत्कालीन सचिव बी शिवरामन ने समिति के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाई। इसके बाद साल 1966-67 में पहली बार गेहूं और धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया। तब से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती या रही है।

5) केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में कितनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाता है?:-

केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया जाता है। जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार रागी और जौ), 5 दाले (चना, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर), 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम नाइजरसीड्) एवं 4 व्यवसायिक फसल (कपास, गन्ना, खोपरा और कच्चा जूट) शामिल है।गन्ने की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य को ‘उचित और लाभकारी मूल्य’ (एफआरपी) कहा गया है।

फसल

फसलों के नाम

अनाज

धान,गेहूं,मक्का ,बाजरा ,ज्वार ,रागी ,जौ;

दालें

चना ,अरहर ,उड़द ,मूंग ,मसूर;

तिलहन

रेपसीड-सरसों ,मूंगफली ,सोयाबीन ,सूरजमुखी ,तिल ,कुसुम ,नाइजरसीड्;

व्यवसायिक फसले

कपास,गन्ना ,खोपरा ,कच्चा जूट;

6) केंद्र सरकार किसके साथ विचार करने के पश्चात न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करती है?:-
कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष अनाज, दलहन, तिलहन और वाणिज्यिक फसलों जैसे कृषि फसलों के लिए संबंधित राज्य सरकारों एवं केंद्रीय विभागों द्वारा विचार करने के पश्चात न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है।
7) वर्ष 2022-23रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कितना है?:-

फसले

न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021-22

न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022–23

उत्पादन की लागत 2022-23

न्यूनतम समर्थन मूल्यदर में वृद्धि

प्रतिशत में लागत पर वापसी

गेहूं

1975 रूपये

2015 रूपये

1008 रूपये

40 रूपये

100%

जौ

1600 रुपये

1635 रूपये

1019 रूपये

35 रूपये

60%

चना

5100 रूपये

5230 रूपये

3004 रूपये

130 रूपये

74%

मसूर

5100 रूपये

5500 रूपये

3079 रूपये

400 रूपये

79%

सरसों

4650 रुपये

5050 रूपये

2523 रूपये

400 रूपये

100%

सूरजमुखी के फूल

5327 रूपये

5541 रूपये

3627 रूपये

114 रूपये

50%

8) क्या न्यूनतम समर्थन मूल्य में कोई वृद्धिकी गई है?:-
जी हाँ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा रबी सीजन 2022- 23 के अंतर्गत रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जिससे कि किसानों को अधिक आय की प्राप्ति हो सके। यह आदेश फसलों के विधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। मसूर, चना, जौ और कुसुम के फूलों के लिए किसानों को उनकी उत्पादन लागत की तुलना में अधिक मूल्य प्राप्त होगा। इसके अलावा तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है
9) क्या न्यूनतम समर्थन मूल्यमूल्य प्रत्येक वर्ष निर्धारित किया जाता है ?:-
जी हाँ सरकार के अंतर्गत किसानों को फसल का सही दाम दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्यरेट में वृद्धि की जाती है।
10) न्यूनतम समर्थन मूल्यके तहत किसानों को क्या लाभ मिलते है ?:-
MSP के अंतर्गत किसान नागरिक सरकार को अपनी फसल तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्यमूल्य पर बेच सकते है। उत्पादन लागत पर कम से कम किसानों को 50 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित किया जाता है।
11) न्यूनतम समर्थन मूल्य के संदर्भ में कहाँ और कैसे लॉगिन करें?:-
12) न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ एवं विशेषताएं क्या हैं?:-
13) न्यूनतम समर्थन मूल्य संपर्क विवरण:-

खाद्यऔरसार्वजनिकवितरणविभाग,
उपभोक्तामामले, खाद्यऔरसार्वजनिकमंत्रालय,
वितरणविभाग,
कृषिभवन,
नईदिल्ली-110001

खोजशब्द:-किसान, कृषि, खाद्यान्न जांच समिति, खाद्यान्न मूल्य समिति, खाद्य और कृषि मंत्रालय, उचित और लाभकारी मूल्य, कृषि लागत और मूल्य आयोग, रबी और खरीफ।

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