भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भी पड़ा है। भारत से गेहूं निर्यात पर रोक के बाद सबसे ज्यादा असर उन देशों पर पड़ सकता है, जहां भारत से ज्यादा गेहूं का निर्यात होता था। भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसके बावजूद ज्यादा गेहूं का निर्यात नहीं होता, क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा देश में ही खप जाता है।
भारत से गेहूं आयात करने वाले प्रमुख देश
देश | डॉलर में |
---|---|
बांग्लादेश | 299.47 |
नेपाल | 83.23 |
यूएई | 51 |
श्रीलंका | 24.73 |
अफगानिस्तान | 19.03 |
कतर | 16.75 |
इंडोनेशिया | 15.29 |
ओमान | 8.37 |
मलेशिया | 2.54 |
स्रोत: डीजीसीआइएस 20-21
सरकारी गेहूं खरीद में कमी
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल (2022 - 23) गेहूं की सरकारी खरीद 1.95 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल (2021 - 22) के मुकाबले आधे से भी कम है।
पिछले पांच वर्ष में केन्द्रीय पूल में गेहूं की खरीद का विवरण:
# | वर्ष | गेहूं की खरीद (लाख मीट्रिक टन में) |
---|---|---|
1 | 2017-18 | 308.24 |
2 | 2018-19 | 357.95 |
3 | 2019-20 | 341.32 |
4 | 2020-21 | 389.92 |
5 | 2021-22 | 433.44 |
केन्द्रीय पूल स्टॉक के लिए भंडारण क्षमता
अपनी भंडारण क्षमता के अलावा, भारतीय खाद्य निगम ने केंद्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारण निगम, राज्य एजेंसियों तथा प्राइवेट पार्टियों से अल्पावधि और निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत भंडारण की जगह किराए पर ली है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा नए गोदामों का निर्माण मुख्यतः निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत निजी भागीदारी के माध्यम से कराया जा रहा है।
पिछले दस वर्षों की 1 अप्रेल को भंडारण क्षमता की सूची साथ है:-
वर्ष | लाख मीट्रिक टन में | ||
---|---|---|---|
एफसीआइ के पास भंडारण क्षमता |
राज्य एजेंसियों के पास भंडारण क्षमता |
कुल भंडारण क्षमता |
|
2012 | 336.04 | 341.36 | 677.39 |
2013 | 377.35 | 354.28 | 731.63 |
2014 | 368.90/td> | 379.18 | 748.08/td> |
2015 | 356.63 | 352.59 | 709.22 |
2016 | 357.89 | 456.95 | 814.84 |
2017 | 352.71 | 420.22 | 772.93 |
2018 | 362.50 | 480.53 | 843.03 |
2019 | 388.65 | 467.03 | 855.68 |
2020 | 412.03 | 343.91 | 755.94 |
2021 | 414.70 | 403.26 | 817.96 |
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