Anushka IAS Join Today For Sure Success
Anushka IASAnushka IASAnushka IAS
(Monday- Saturday)
anushkaiasudaipur@gmail.com
Anushka Marg, Sector 3, Udaipur

अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र

अक्षय ऊर्जा क्या है?

1)      ऊर्जा के वह प्राकृतिक स्रोत जिनका क्षय नहीं होता है;

2)      इस ऊर्जा का नवीकरण होता रहता है;

यह ऊर्जा प्रदूषणकारी नहीं होती हैं.

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षमता कितनी है?

1)      30 नवंबर 2021 को देश की स्थापित ‘नवीकरणीय ऊर्जा (RE)’ क्षमता 157.32 गीगावाट थी

[सौर: 48.55 गीगावाट;

पवन: 40.03 गीगावाट;

लघु जलविद्युत: 4.83 गीगावाट;

जैव-शक्ति: 10.62 गीगावाट;

लार्ज हाइड्रो: 46.51 गीगावाट;

परमाणु: 6.78 गीगावाट]

2)  भारत आज स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर, सौर ऊर्जा में पांचवें और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है।

3)  भारत की कुल ‘स्थापित बिजली क्षमता’ कितनी है : 392.01 गीगावाट

भारत की कुल ‘स्थापित बिजली क्षमता’ का कितना प्रतिशत है ‘नवीकरणीय ऊर्जा (RE)’ का अनुमानित हिस्सा? 40.1%

भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA)

1)      IREDA का मूल लक्ष्य है ‘शाश्वत ऊर्जा’ है;

2)      IREDA के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

a) नए एवं अक्षय स्रोतों के जरिए विद्युत और/या ऊर्जा का उत्पादन करना;

b)ऊर्जा दक्षता के माध्यम से ऊर्जा का संरक्षण करना;

c)विशिष्ट परियोजना एवं योजना को वित्तीय सहायता/अभिनव वित्तपोषण प्रदान करना;

d)प्रणालियों, प्रक्रियाओं एवं संस्थानों में निरंतर सुधार करते रहना;

e)ग्राहकों को प्रदान की गई सेवाओं की दक्षता में सुधार करना;

ग्राहक संतुष्टि के माध्यम से प्रतियोगी संस्थान बनने का प्रयास करना

26वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन [COP26] में भारत ने क्या प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी?

26वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन [COP26] में भारत ने क्या प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी?

नवीकरणीय ऊर्जा (RE)’ के लक्ष्य प्राप्ति संबंधी चुनौतियाँ क्या है :

1) वित्तीय चुनौतियाँ;

2) भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चुनौतियाँ;

3) पारिस्थितिकी तंत्र बनाने से जुड़ी चुनौतियाँ

वित्तीय चुनौतियाँ

1) आवश्यक वित्त एकत्र करने की चुनौतियाँ;

2) पैसा देने के लिए बैंकिंग क्षेत्र को तैयार करने की चुनौतियाँ;

3) दीर्घावधिक अंतर्राष्ट्रीय वित्तपोषण की चुनौतियाँ;

4) तकनीकी चुनौतियाँ;

5) वित्तीय जोखिम को कम करने की चुनौतियाँ;

6) एक उपयुक्त वित्तीय तंत्र बनाने की चुनौतियाँ;

भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चुनौतियाँ

1) अक्षय ऊर्जा के लिए भूमि की पहचान की चुनौतियाँ

2) भूमि रूपांतरण की चुनौतियाँ;

3) भूमि सीमा अधिनियम के तहत मंज़ूरी से जुड़ी चुनौतियाँ;

4) भूमि पट्टा कराए से जुड़ी चुनौतियाँ;

5) राजस्व विभाग से मंज़ूरी से जुड़ी चुनौतियाँ;

6) भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकारों की भूमिका तय करने की चुनौतियाँ;

पारिस्थितिकी तंत्र बनाने से जुड़ी चुनौतियाँ

1) देश में एक नवाचार और विनिर्माण पारिस्थितिकी बनाने की चुनौतियां;

2) ग्रिड के साथ अक्षय ऊर्जा के बड़े हिस्से को एकीकृत करने की चुनौतियाँ;

3) अक्षय ऊर्जा से फर्म और प्रेषण योग्य बिजली की आपूर्ति को सक्षम बनाने की चुनौतियाँ

4) तथाकथित हार्ड टू डीकार्बोनाइज़ क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के प्रवेश को सक्षम बनाना की चुनौतियाँ

‘नवीकरणीय ऊर्जा (RE)’ क्षेत्र से जुड़ी सरकारी पहलें क्या-क्या है?

1) PM-कुसुम;

2) उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना:;

3) सौर पार्क योजना;

4) रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम फेज-II;

5) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (CPSU) योजना;

6) राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन;

7) अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन [ISA];

PM-कुसुम;

1) यह योजना ‘नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE)’ द्वारा शुरू की गई थी;

2)  उद्देश्य:

a) ग्रामीण क्षेत्रों में ‘ऑफ-ग्रिड सौर पंपों’ की स्थापना का समर्थन करना और

b) ‘ग्रिड से जुड़े क्षेत्रों’ में ‘ग्रिड पर निर्भरता’ को कम करना

3)  पावर ग्रिड क्या है?

यह वह ‘विद्युत नेटवर्क’ है जो एक बड़े क्षेत्र में बिजली उत्पन्न और वितरित करता है।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना:

उद्देश्य:

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना “उच्च दक्षता वाले सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम” के तहत भारत में ही निम्नलिखित का निर्माण करना :

1)      अपस्टेज वर्टिकल घटक;

2)      ‘सेल, वेफर्स [अर्धचालक का एक पतला टुकड़ा] और पॉलीसिलिकॉन’ आदि का निर्माण करना;

3)      उच्च दक्षता वाले सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल

4)      ‘सौर फोटोवोल्टिक (PV) क्षेत्र’ में आयात पर निर्भरता को कम करना

इस योजना में कितनी राशि का प्रयोजन किया गया है?:- 4500 करोड़ रुपए

सौर पार्क योजना;

उद्देश्य:

1)      देशव्यापी “सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं” का विकास करना;

‘बड़े पैमाने पर ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं’ की सुविधा के लिये मार्च 2022 तक 40 गीगावाट क्षमता की ‘लक्षित क्षमता’ को हासिल करना;

रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम फेज-II;

उद्देश्य:

1) आवासीय क्षेत्र को 4 गीगावाट तक की सोलर रूफ टॉप क्षमता हासिल करने केलिए वित्तीय सहायता प्रदान करना;

2) ‘वृद्धिशील उपलब्धि’ के लिये ‘बिजली वितरण कंपनियों’ को प्रोत्साहित करना

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (CPSU) योजना;

उद्देश्य:

1)      इसके उद्देश्य ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना’ वाले ही हैं;

2)      इसका लक्ष्य है CPSU ‘ के द्वारा घरेलू ‘सेल और सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल’ के साथ 12 गीगावाट ‘ग्रिड-कनेक्टेड सौर फोटोवोल्टिक (PV) विद्युत परियोजनाओं’ की स्थापना करना;

इस योजना के तहत ‘व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण सहायता’ भी प्रदान की जाती है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन;

उद्देश्य:

इसका लक्ष्य है ‘हरित हाइड्रोजन उत्पादन एवं निर्यात’ के लिये भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाना

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन [ISA];

क्या है ISA?

1)      ISA एक ‘अंतर-सरकारी संधि-आधारित संगठन’ है, जिसके पास वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी की लागत को कम करने में मदद करके सौर विकास को उत्प्रेरित करने का वैश्विक जनादेश है;

हाल ही में ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’ ISA में शामिल होने वाला 101वाँ सदस्य देश बन गया है।

OSOWOG [एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड];

1)  OSOWOG क्या है?

OSOWOG को भारत और UK द्वारा संयुक्त रूप से ‘ग्लासगो’ में ‘COP26 क्लाइमेट मीट’ में जारी किया गया था।

2)  उद्देश्य:

मुख्य रूप से ‘सौर और पवन ऊर्जा’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘एक वैश्विक हरित ऊर्जा ग्रिड’ का निर्माण करना।

‘राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति 2018’;

उद्देश्य:

‘पवन और सौर संसाधनों’, ‘पारेषण बुनियादी ढाँचे’ और ‘भूमि के इष्टतम तथा कुशल उपयोग’ के लिये ‘बड़े ग्रिड से जुड़े पवन-सौर फोटोवोल्टिक (PV) हाइब्रिड सिस्टम’ को बढ़ावा देने के लिये एक ढाँचा प्रदान करना.

‘राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति 2015’;

इस नीति को अक्तूबर 2015 में ‘भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ)’ में ‘7600 किलोमीटर की भारतीय तटरेखा’ के साथ ‘अपतटीय पवन ऊर्जा’ विकसित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया था।

विद्युत उत्पादन के लिये अन्य नवीकरणीय योजनाएँ

1)      शहरी, औद्योगिक और कृषि अपशिष्टों/अवशेषों से ऊर्जा उत्पादन पर कार्यक्रम;

2)      ‘चीनी मिलों’ और ‘अन्य उद्योगों’ में ‘बायोमास आधारित सह उत्पादन’ को बढ़ावा देने के लिये योजना।

3)  बायोगैस पावर (ऑफ-ग्रिड) उत्पादन और थर्मल एप्लीकेशन प्रोग्राम (BPGTP)।

नया राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद कार्यक्रम (NNBOMP)।

सौर शहरों का विकास कार्यक्रम

इस कार्यक्रम के तहत 56 सोलर सिटी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई

सूर्य मित्र योजना

यह योजना मई 2015 में पांच साल (2015-16 से 2019-20) की अवधि के भीतर 50,000 प्रशिक्षित कार्मिकों को बनाने के लिए शुरू की गई थी;

Leave A Comment

At vero eos et accusamus et iusto odio digni goikussimos ducimus qui to bonfo blanditiis praese. Ntium voluum deleniti atque.

Melbourne, Australia
(Sat - Thursday)
(10am - 05 pm)